अद्भुत अकल्पनीय गौरीश्वर मंदिर येलंदूर, चामराजनगर जिला, कर्नाटक राज्य, भारत (भारत) मंदिर का निर्माण 1500 ईस्वी में विजयनगर साम्राज्य के एक स्थानीय सामंत प्रमुख सिंगेदेपा देवभूपाल द्वारा किया गया था। स्थापत्य विशेषताएं: मंदिर की योजना सरल है। इसमें एक गर्भगृह (गर्भगृह), एक बंद हॉल (मंतपा), ग्रेनाइट स्तंभों द्वारा समर्थित एक खुला हॉल और एक असामान्य महाद्वारा (भव्य प्रवेश द्वार) है, जिसके ऊपर सामान्य टॉवर (गोपुरम) का अभाव है। इस प्रकार के प्रवेश द्वार को समकालीन शैली में बाले मंतपा (जलाया हुआ, चूड़ीदार हॉल) कहा जाता है। गर्भगृह में लिंग है, जो हिंदू भगवान शिव का सार्वभौमिक प्रतीक है। बंद हॉल में विभिन्न हिंदू देवताओं के चित्र हैं; विष्णु, शनमुख, पार्वती, महिषासुरमर्दिनी (देवी दुर्गा का एक रूप), भैरव (भगवान शिव का एक रूप), मां दुर्गा, वीरभद्र (शिव का दूसरा रूप) और श्री गणपति। प्रवेश द्वार की दीवारों को पौराणिक कथाओं और महाकाव्यों के दृश्यों को दर्शाने वाली राहत से सजाया गया है। प्रवेश द्वार को प्रदान की जाने वाली एक असामान्य सजावट पत्थर के छल्ले (गठरी) की जंजीरें हैं। Sudesh DJV writes on