Sahaja Yoga Swadhisthana Chakra Brahma Saraswathy Tatva
The above image denotes the 2nd Chakra which is Swadhistana chakra
The second chakra is the chakra of creativity, pure attention and pure knowledge. It is the one which connects us to the inner source of inspiration, and enables us to experience the beauty around us. The pure knowledge given by this chakra is not mental, but it is direct perception of the Reality, that can be felt in our palms and indicates our subtle blockages. Also this is the center of pure, steady attention and power of concentration.
Below is the basics of Swadhisthana Chakra
Below is a video of 'Shree Mataji' pravachan described about Creativity.
Above is the video of "Shree Mataji" vani on Swadistana Chakra.
🕉️ *परम पूज्य श्री माताजी की दिव्य वाणी*
धर्म में आप स्थित रहें, जैसे कि सोने का धर्म है कि उसका रंग कभी खराब नहीं होता है, जैसे कि कार्बन का है कि उसके अंदर चार Valances होती हैं, उसी प्रकार मानव का धर्म है कि उसके अंदर दस धर्म हैं, मानव के अंदर इस धर्म के प्रति जागृति भी है, अब जो दशा आने वाली है वो धर्म से परे है यानि कि अब आप धर्मातीत हो गये हैं।*
*ब्रह्म तत्त्व को जानने के लिए ही वेद लिखे गए, वेद का अर्थ है अपने को जानना, जब आप अपने को जान लेते हैं तब आपके अंदर से ही ब्रह्म बहना शुरु हो जाता है, मैं आपको यहाँ वही चीज देने आयी हूँ, जिसको आप हजारों वर्षों से खोज रहे थे, जो आपकी अपनी है, सिर्फ मुझे कुंजी उसकी मालुम है, आप अपने को जान लीजिए और ब्रह्म तत्त्व को पा लीजिये क्योंकि यही आत्मसाक्षात्कार है, आत्मा का प्रकाश ही ब्रह्म तत्त्व है.
*"ब्रह्म तत्त्व का स्वरूप"*
*17 फरवरी 1981*
*दिल्ली*
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