सूर्य मुद्रा 13 अद्भुत फायदे Suryamudra's miraculous benefits
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सूर्य मुद्रा
दिन में केवल 15 मिनट अनामिका ऊँगली को दबायें फिर देखें ये 13 अद्भुत चमत्कार, जिसकी आपने कभी कल्पना नहीं की होगी।
योगासन को शरीर के लिए बहुत अधिक लाभदायक माना जाता है। योगासन की ही तरह रोजाना कुछ देर योग मुद्रा लगाकर बैठना भी बहुत फायदेमंद है। वैसे तो मुद्रा कई प्रकार की होती हैं लेकिन 'सूर्य मुद्रा' लगाने के अनेक फायदे हैं। सूर्य की अंगुली यानी अनामिका (जिसे रिंग फिंगर भी कहते हैं) का संबंध सूर्य और यूरेनस ग्रह से है सूर्य, ऊर्जा और स्वास्थ्य का प्रतिनिधित्व करता है और यूरेनस कामुकता, अंतर्ज्ञान और बदलाव का प्रतीक है। इस मुद्रा को दिन में 15 मिनट करने से ऐसे 13 अद्भुत फायदे होंगे जिसकी अपने कभी कल्पना नही की होगी।
सूर्य-मुद्रा बनाने की विधि :
सूर्य की अंगुली को हथेली की ओर मोड़कर उसे अंगूठे से दबाएं- बाकी बची तीनों अंगुलियों को सीधा रखें- इसे Suryamudraa( सूर्य मुद्रा ) कहते हैं अपने हाथ की अनामिका उंगली को अंगूठे की जड़ में लगा लें तथा बाकी बची हुई उंगलियों को बिल्कुल सीधी रहने दें- इस तरह बनाने से सूर्य मुद्रा बनती है।
सूर्य मुद्रा को लगभग 5 से 8 मिनट तक करना चाहिए इसको ज्यादा देर तक करने से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है- सर्दियों में Suryamudraa( सूर्य मुद्रा ) को ज्यादा से ज्यादा 24 मिनट तक किया जा सकता है।
सिद्धासन,पदमासन या सुखासन में बैठ जाएँ फिर दोनों हाँथ घुटनों पर रख लें हथेलियाँ उपर की तरफ रहें। अनामिका अंगुली ( रिंग फिंगर) को मोड़कर अंगूठे की जड़ में लगा लें एवं उपर से अंगूठे से दबा लें। बाकी की तीनों अंगुली सीधी रखें।
सूर्य मुद्रा से होने वाले 13 चमत्कारी फायदे :
1.इस मुद्रा से वजन कम होता है और शरीर संतुलित रहता है। मोटापा कम करने के लिए आप इसका प्रयोग नित्य-प्रति करे। ये बिना पैसे की दवा है। वजन कम करने के लिए यह असान क्रिया चमत्कारी रूप से कारगर पाई गई है। सूर्य मुद्रा के अभ्यास से मोटापा दूर होता है तथा शरीर की सूजन दूर करने में भी यह मुद्रा लाभकारी है।
2.इस मुद्रा का रोज दो बार सुबह-शाम 5 से 8 मिनट तक अभ्यास करने से शरीर का कोलेस्ट्रॉल घटता है।सर्दी में 24 मिनट तक इसका अभ्यास किया जा सकता है।
3. थायराइड के बिंदुओं पर दबाव से उसके स्त्रावों का संतुलन होता है।
4.जिन स्त्रियों का बच्चा होने के बाद शरीर में मोटापा बढ़ जाता है वे अगर इस मुद्रा का नियमित अभ्यास करें तो उनका शरीर बिल्कुल पहले जैसा हो जाता है।
5.सूर्य मुद्रा को रोजाना करने से पूरे शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और गर्मी पैदा होती है तथा सूर्य मुद्रा को करने से शरीर में ताकत पैदा होती है।
6.कमजोर शरीर वाले व्यक्तियों को यह मुद्रा नहीं करनी चाहिए- वर्ना और कमजोरी आएगी -हाँ जिनको अपना शरीर स्लिम रखना है वो कर सकते है।
7.इसे नियमित करने से बेचैनी और चिंता कम होकर दिमाग शांत बना रहता है।
8.यह जठराग्नि (भूख) को संतुलित करके पाचन संबंधी सभी समस्याओं से छुटकारा दिलाती है।
9. सूर्य मुद्रा से अग्नि तत्व बढ़ता है जिससे दमा, सर्दी, जुकाम, नजला, निमोनिया, कफ रोग दूर होते हैं। नेत्र ज्योति बढ़ाने में भी सूर्य मुद्रा उपयोगी है।
10.सूर्य मुद्रा करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है। अतः गर्मियों में मुद्रा करने से पहले एक गिलास पानी पी लेना चाहिए।
11.प्रातः सूर्योदय के समय स्नान आदि से निवृत्त होकर इस मुद्रा को करना अधिक लाभदायक होता है। सांयकाल सूर्यास्त से पूर्व कर सकते हैं।
12.अनामिका अंगुली पृथ्वी एवं अंगूठा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। इन तत्वों के मिलन से शरीर में तुरन्त उर्जा उत्पन्न हो जाती है। 5 से 8 मिनट में दायां स्वर चलने लगता है और शरीर में व्याप्त ठंड मिटती है।
13.सूर्य मुद्रा के अभ्यास से व्यक्ति में अंतर्ज्ञान जाग्रत होता है।
"करें योग, रहें निरोग
Unknown source.
Sudesh DJV writes on contemporary subjects in the form of Articles and poems which is in the interest of the Nation in particular and for Mankind in general.
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