Sahaja Yoga Vishuddhi Chakra Shri Krishna Tatva
"Jai Shree Mataji"
This page is an humble effort with the blessings of "Shree Mataji" to bring in all the possible Images and Video pravachans of "Shree Mataji" with respect to "Vishuddhi Chakra" and related. 100's of Videos would be uploaded on this page on time to time and you may follow this page for free notifications.
Below is the basic of "Vishuddhi Chakra" being briefed in English through necessary supporting videos and images. (Watch this video first before proceeding further)
"जब आप अपनी गलतियोन्का सामना नही करना चाहते तो बाया विशुध्दी चक्र पकडता है।मैने गलतिया की ठिक है-पर अब मै उन्हे दुबारा नही दोहराऊंगा।बस सामना किजिए,पर वे सामना नही करना चाहते।वे स्वयं को दोषी मानेन्गे।दोष भाव को बायी विशुध्दी मे डाल कर दोषभाव के काले बादल एकञ करेन्गे।तब मेघ
- गर्जन,काले बादलो के मामूली घर्षण से पड़ने वाला विद्युतप्रवाह तथा उत्प्रेरक विष्णुमाया ऐसे लोगो पर प्रकोप करती हे।दो अन्य चीजे भी विष्णुमाया को परेशान करती है,"इनमे से एक है धुम्रपान और दुसरी चीज़ जिसे लोग नही जानते वह मन्ञ"।श्री विष्णुमाया ही मंञो को शक्ती देती है।यदि आप परमात्मा से योग बनाए बिना ही मंञोच्चारण कर रहे हे तो आपको उस शक्ति से जोड़ने वाले तार जल सकते है।तथा आपको गले की समस्याये हो सकती है।कुछ लोग उदारता दर्शाकर अपने अपराधो पर पर्दा डालना चाहते इस प्रकार का आचरण अत्यंत छलमय हे।यह विष्णुमाया पर नही चलता।यदी उनसे चालाकी करने का प्रयत्न किया तो वे अपनी शक्तिया दिखायेन्गे।" श्री माताजी मे पुर्णतया निर्दोष हु "ऐसा कहीऐ विष्णुमाया अत्यंत प्रसन्न होगे।और ऐसा कहने के बाद आप कोई दोषभाव रख ही नही सकते.
"....प.पू.
श्री माताजी —
Below is the video of "Shree Mataji" briefing about 'Vishuddhi Chakra"
When the Kundalini
rises it makes sounds. And the sounds that are heard in the different chakras
can be pronounced in the following way – these pronunciations are being used in
the phonetic language of Devanagari, which means ‘the language spoken by the Devas’.
At the Agnya chakra it makes ha, ksha. When Vishuddhi and Agnya auras meet,
then Chandra Rudragranthi is established.
First western
seminar: Bija Mantras, Shri Lalita, Shri Chakra. East Hampstead Park, London
(UK) 14 October 1978.
Below is a video Bhajan on 'Vishuddhi' chakra by "Arun Apte ji"Below is a video on "Shree Mataji" Pravachan on "Vishuddhi Chakra" in English.
Below is the video of "Shri Abrahan Lincoln's" speech at America followed by "Shree Mataji's" briefing about America and its future.
श्री कृष्ण के आशीर्वाद फलस्वरूप हम साक्षी रूप होते है। साक्षी स्वरूप होना अर्थात जो कुछ भी आपको परेशान करने वाला है, दुख देने वाला है। उन सभी समस्याओं को आप देखना प्रारंभ कर देते हैं। उनको साक्षी अवस्था में देखना प्रारंभ कर देते हैं और फिर आप उन समस्याओं से बिल्कुल भी घबराते नहीं हैं। इस देखने की अवस्था या साक्षी अवस्था की शक्ति अत्यंत जबरदस्त है। बिना कुछ सोचे हुये जो कुछ भी आप देखते हैं .... तो आपकी वह समस्या ही समाप्त हो जाती है। आपकी यदि कोई भी समस्या है तो एक बार यदि आप साक्षी अवस्था में चले जाये, इसे तटस्थ भाव कहते हैं, इसका अर्थ है कि आप समुद्र के किनारे पर खड़े होकर लहरों के उतार चढ़ाव को देखने लगते हैं और इसके बाद आपको मालूम हो जाता है कि उस समस्या को किस प्रकार से हल करना है? अतः आपको साक्षी भाव विकसित करना है। कई बार मैंने देखा है कि इसको विकसित करने के लिये लोगों को कुछ कठिनाइयों का सामना भी करना है।
.....ये अत्यंत महत्वपूर्ण है कि एक बार जब आपकी कुंडलिनी सहस्त्रार से नीचे की ओर ऊर्जा का संचरण करने लगती है और आपके चक्रों पर गतिमान होकर विशुद्धि चक्र को प्लावित करने लगती है जहाँ पर इसको विश्राम करना है तब आपको कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है और आप सोचने लगते हैं कि "जरा देखिये मेरा जीवन कितना शांत और आनंदमय था।" मुझे कितने आशीर्वाद प्राप्त होने लगे थे और अब अचानक से न जाने क्या हो गया है? इसी समय आपको तटस्थ रहने की जरूरत है मतलब कि आपको साक्षी भाव में रहना है। यदि आप साक्षी अवस्था में रहते हैं तो प्रत्येक चीज में सुधार होने लगता है।"
प.पू. श्री माताजी निर्मला देवी
6/08/1988, कृष्ण पूजा, कोमो, इटली
The bhoots don't like sweetness:
"when talking to others, try to develop sweet methods, sweet ways unhurting other people. And you will be surprised that Vishuddhi will immediately start behaving in such a sweet manner, because the bhoots don't like sweetness, they are quarrelsome.
They are harsh, they are always trying to say something to hurt. So this Vishuddhi on the right hand side is to be controlled by surrendering as it is said.
Actually, you surrender your ego to begin with. And this ego when you surrender, it has to be done from you heart; it should not be a lip-service.
From your heart: "I don't want this ego any more. I want reality." "Let the reality be seen by me, felt by me, enjoyed by me."
And once you start doing it from your heart, you will be amazed that your voice will become sweet. Apart from that, it will have the Divine Power flowing through it.
That is what we say that you have now "wak shakti", means the power of speech.
So when you surrender ego, what you do actually is to say that "I'm not doing anything, it is You who does everything". So, that a little drop has now become an ocean.
And so, your sound has got the power of the ocean"```
*_Shri Mataji, Vienna,04.09.1983_*
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