राफेल डील में ऑफसेट धनराशि का बंटवारा विवरण
राफेल डील में ऑफसेट धनराशि का बंटवारा : संक्षिप्त विवरण
- 36 राफेल जेट (हथियार+विशेष बदलाव के बाद) की लागत : 59000 करोड़ रुपए.
- गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील है, मतलब पैसा भारत सरकार फ्रांस सरकार को देगी.
- गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील में समझौते के मुताबिक सौदे का 50% ऑफसेट के रूप में भारत में निवेश करना होगा.
- 50% ऑफसेट मतलब लगभग 30000 करोड़ रुपए.
- राफेल डील में मुख्य रूप से 4 कंपनियां है. जिनमें से 3 फ्रांस की कंपनी है और 1 भारत की कंपनी है.
- इन चारों में 50% ऑफसेट धनराशि (30000 करोड़ रुपए) का बंटवारा इस प्रकार हुआ है..
- 1. THALES (फ्रांस) : 6300 करोड़ रुपए
- 2. DASSAULT (फ्रांस) : 8400 करोड़ रुपए
- 3. SAFRAN (फ्रांस) : 6300 करोड़ रुपए
- 4. DRDO (भारत) : 9000 करोड़ रुपए
- 5. ये चारों कंपनियां राफेल के अलग अलग मुख्य पार्ट्स बनाएंगी, जो इस प्रकार है.. 👇
- 6. THALES : इलेक्ट्रॉनिक रडार और एयरक्राफ्ट में काउंटर मेजर्स बनाएगी.
- 7. DASSAULT : एयरफ्रेम और सिस्टम इंटीग्रेशन बनाएगी.
- 8. SAFRAN : M88 इंजन और लैंडिंग गीअर बनाएगी.
- 9. DRDO : डिजाइन किए गए स्वदेशी "कावेरी जेट इंजन" को पूर्वरूप में लाने के लिए विशेषज्ञता की दिशा में जाएगा.
- 10. "कावेरी जेट इंजन" क्या है..??
कावेरी को बैंगलोर में डीआरडीओ की गैस टर्बाइन रिसर्च इस्टेब्लिशमेंट (GTRE) द्वारा डिजाइन किया गया था. SAFRAN जो राफेल को शक्ति देने वाले M88 इंजन बनाता है, को उड़ान भरने योग्य बनाएगा जबकि DASSAULT इसे विमान में एकीकृत करेगा.
भारत और फ्रांस सरकार के बीच हुई गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील में फ्रांस की तीनों मुख्य कंपनियां (THALES, DASSAULT, SAFRAN) राफेल जेट के अन्य पार्ट्स के लिए भारत में अपने सहयोगी पार्टनर्स चुनने को स्वतंत्र है..
इसी के अन्तर्गत इन तीनों मुख्य कंपनियों ने राफेल जेट के अन्य पुर्जे बनाने के लिए भारत में, भारत की कई कंपनियों को अपना पार्टनर बनाया है, "रिलायंस" के अलावा डसॉल्ट की लगभग 100 कंपनियों से बातचीत चल रही है जिसमें से उसने 30 कंपनियों को ऑफसेट पार्टनर के रूप में चुना है. ये सभी सहयोगी कंपनियां राफेल के विभिन्न छोटे, बड़े पार्ट्स बनाएंगी.
एक ही जगह पर हमारे पीएम मोदी की उपलब्धियों पर 100 वीडियो देखें, इस लिंक पर क्लिक करें
or search in Google
"Why Modi is best and must for 2019" and click the link.
डसॉल्ट के सीईओ "एरिक ट्रैपियर" ने साफ किया है कि रिलायंस के साथ डसॉल्ट का संयुक्त उद्यम (ज्वाइंट वेंचर) "DRAL" के "ऑफसेट ऑब्लिगेशन" में रिलायंस की सिर्फ 10% की ही हिस्सेदारी है.
रिलायंस को कुल ऑफसेट धनराशि का 10% ही मिल रहा है. मतलब रिलायंस का जॉइंट वेंचर केवल Dassault के साथ हे तो उसे केवल 8400 करोड़ रूपये के 10 परसेंट का, यानि 840 करोड़ रुपए का ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट मिला है ।
अन्य दोनों फ़्रांसिसी कंपनिया भारत की 100 से ज्यादा कॉम्पिनियो से कार्य करेंगी, जैसे L&T Grasim, इत्यादि ।
एक ही जगह पर हमारे पीएम मोदी की उपलब्धियों पर 100 वीडियो देखें, इस लिंक पर क्लिक करें
or search in Google
"Why Modi is best and must for 2019" and click the link.
राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप आधारहीन होने के साथ साथ तथ्यहीन भी है, जिसका कोई सर पैर नहीं है. राहुल गांधी देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे है, मोदी सरकार को घोटालेबाज सरकार और मोदी को बेईमान नेता साबित कर के किसी तरह ये सत्ता में वापस आना ही एकमात्र विपक्ष+ठगबंधन का लक्ष्य है. पूरा विपक्ष सिर्फ मोदी को हटाना चाहता है, इनके नेताओ के मुंह से सिर्फ और सिर्फ एक ही शब्द सुनने को मिलता है, मोदी हटाओ, मोदी हटाओ...
*चोर बोले जोर से* मगर कबतक ? इससे यह साबित होता है कि ये सब नेता 60 वर्षो से आज तक देश की जनता को लूटते आ रहे थे, उसके बीच में मोदी आ गया है, अब ये सारे घोटालेबाज/भ्रष्ट/मक्कर/धूर्त नेता एक तरफ, बीच में नरेंद्र मोदी और दूसरी तरफ देश की सवा सौ करोड़ जनता...
Think Nation first, let us keep aside our selfish personal interests and agenda. Click to read "Why Modi is Best or Must for 2019"
आवश्यक समझें तो साझा अवश्य करें ।
इसी के अन्तर्गत इन तीनों मुख्य कंपनियों ने राफेल जेट के अन्य पुर्जे बनाने के लिए भारत में, भारत की कई कंपनियों को अपना पार्टनर बनाया है, "रिलायंस" के अलावा डसॉल्ट की लगभग 100 कंपनियों से बातचीत चल रही है जिसमें से उसने 30 कंपनियों को ऑफसेट पार्टनर के रूप में चुना है. ये सभी सहयोगी कंपनियां राफेल के विभिन्न छोटे, बड़े पार्ट्स बनाएंगी.
एक ही जगह पर हमारे पीएम मोदी की उपलब्धियों पर 100 वीडियो देखें, इस लिंक पर क्लिक करें or search in Google
"Why Modi is best and must for 2019" and click the link.
डसॉल्ट के सीईओ "एरिक ट्रैपियर" ने साफ किया है कि रिलायंस के साथ डसॉल्ट का संयुक्त उद्यम (ज्वाइंट वेंचर) "DRAL" के "ऑफसेट ऑब्लिगेशन" में रिलायंस की सिर्फ 10% की ही हिस्सेदारी है.
रिलायंस को कुल ऑफसेट धनराशि का 10% ही मिल रहा है. मतलब रिलायंस का जॉइंट वेंचर केवल Dassault के साथ हे तो उसे केवल 8400 करोड़ रूपये के 10 परसेंट का, यानि 840 करोड़ रुपए का ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट मिला है ।
अन्य दोनों फ़्रांसिसी कंपनिया भारत की 100 से ज्यादा कॉम्पिनियो से कार्य करेंगी, जैसे L&T Grasim, इत्यादि ।
एक ही जगह पर हमारे पीएम मोदी की उपलब्धियों पर 100 वीडियो देखें, इस लिंक पर क्लिक करें
or search in Google
"Why Modi is best and must for 2019" and click the link.
or search in Google
"Why Modi is best and must for 2019" and click the link.
राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप आधारहीन होने के साथ साथ तथ्यहीन भी है, जिसका कोई सर पैर नहीं है. राहुल गांधी देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे है, मोदी सरकार को घोटालेबाज सरकार और मोदी को बेईमान नेता साबित कर के किसी तरह ये सत्ता में वापस आना ही एकमात्र विपक्ष+ठगबंधन का लक्ष्य है. पूरा विपक्ष सिर्फ मोदी को हटाना चाहता है, इनके नेताओ के मुंह से सिर्फ और सिर्फ एक ही शब्द सुनने को मिलता है, मोदी हटाओ, मोदी हटाओ...
*चोर बोले जोर से* मगर कबतक ? इससे यह साबित होता है कि ये सब नेता 60 वर्षो से आज तक देश की जनता को लूटते आ रहे थे, उसके बीच में मोदी आ गया है, अब ये सारे घोटालेबाज/भ्रष्ट/मक्कर/धूर्त नेता एक तरफ, बीच में नरेंद्र मोदी और दूसरी तरफ देश की सवा सौ करोड़ जनता...
Think Nation first, let us keep aside our selfish personal interests and agenda. Click to read "Why Modi is Best or Must for 2019"
Sudesh DJV writes on contemporary subjects in the form of Articles and poems which is in the interest of the Nation in particular and for the Mankind in general.
Comments