Disinvestment made during UPA
Manmohan Singh's Disinvestment
Perfect presentation with proof from the government of India website the details of the disinvestment that took place during the UPA period.
"यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया" जिसे "मनमोहन सिंह" ने बेच दिया जो पहले "यूटीआई बैंक" बना और अब "एक्सिस बैंक" है।।
गरीबों को होम लोन के लिए "हाउसिंग डेवलपमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया" बनाई थी उसे "मनमोहन सिंह" ने बेच दिया जो अब "एचडीएफसी बैंक" है।।
कभी उद्योगों को कर्जा देने के लिए "इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया" बनाई गई थी जिसे "मनमोहन सिंह" ने बेंच दिया जो आज "आईसीआईसीआई बैंक" है ।।
कभी उद्योगों को मजबूत करने के लिए "इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया" बनाया गया था उसे "मनमोहन सिंह" ने बेंच दिया जो आज "आईडीबीआई बैंक" है
"डिसइनवेस्टमेंट पॉलिसी" को भारत में कौन लाया था जरा सर्च कर लेने पर पता चला कि जब "श्री नरसिंहा राव" के समय में "मनमोहन सिंह" वित्त मंत्री थे तब उन्होंने संसद में कहा था "मैक्सिमम गवर्नेंस लेस गवर्नमेंट।।उन्होंने कहा था कि सरकार का काम धंधा करना नहीं सरकार का काम गवर्नेंस देना है ऐसा माहौल देना है कि लोग यह सब काम करें।।
"मनमोहन सिंह" ने ही सबसे पहले "टोल टैक्स पॉलिसी" लाया था, यानी निजी कंपनियों द्वारा सड़क, पुल वगैरह बनाओ और उन कंपनियों को टोल टैक्स वसूलने का परमिशन दो।।
"मनमोहन सिंह" ने सबसे पहले "एयरपोर्ट की निजी करण की शुरुआत की थी और सबसे पहला "दिल्ली का इंदिरा गांधी एयरपोर्ट को जीएमआर ग्रुप" को पचास साल के लिए दिया था।।वही कांट्रैक्ट, यूपीए के प्रफुल्ल पटेल एयरपोर्ट कृत लैंड स्कैम की वजह से निरस्त हुआ और दुबारा ग्लोबल टेंडर देना पड़ा।।
ये सब सत्य दरकिनार कर के "कांग्रेसी," आज, बीजेपी सरकार के हर डिसइनवेस्टमेंट का "दुष्प्रचार" करके जनता को "बरगलाने" का कोई मौका नहीं छोड़ते।। अधूरा सच बड़ा खतरनाक होता है, और जनता को कांग्रेस की इस साज़िश को नाकाम करना चाहिए ।।
Sudesh DJV writes on contemporary subjects in the form of Articles and poems which is in the interest of the Nation in particular and for Mankind in general.
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