- पश्चिम बंगाल में अब भाजपा लंबी लड़ाई की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार इस योजना के तहत पार्टी कैलाश विजयवर्गीय की जगह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को राज्य का प्रभारी नियुक्त कर सकती है।
- इसके जरिए पार्टी की योजना राज्य के 2.3 करोड़ महिला वोटर को साधने के अलावा सीएम ममता बनर्जी के समक्ष एक कद्दावर महिला नेता को मैदान में उतारने की है।
- दरअसल विधानसभा में भाजपा को उम्मीद के अनुसार सफलता न मिलने का एक अहम कारण महिला मतदाता रहीं, जिनका ममता बनर्जी पर विश्वास बना रहा।
- बड़ा महिला चेहरा न होने के कारण भाजपा महिला वर्ग में उम्मीदों के अनुरूप अपनी पैठ नहीं बना पाई।
- अब पार्टी इस कमी को दूर करना चाहती है। पार्टी इसके लिए ईरानी को लंबा समय भी देना चाहती है।
- पार्टी के रणनीतिकारों का आकलन है कि बांग्ला भाषा पर बेहतर पकड़ और ऊंचे राजनीतिक कद के कारण स्मृति ममता के खिलाफ खासतौर से महिला वर्ग में माहौल तैयार कर पाएंगे। स्मृति की ताकत को पार्टी भांपने में चूक गई। इस कारण उनकी अधिक रैलियां नहीं करा पाई।
- अगले विधानसभा चुनाव तक रहेंगी प्रभारी ~ पार्टी सूत्रों का कहना है कि स्मृति ईरानी को बतौर प्रभारी विजयवर्गीय की तरह लंबा समय मिलेगा।
- विजयवर्गीय ने पार्टी में एक ही राज्य का लगातार छह साल तक प्रभारी बन कर रिकार्ड बनाया था। अब स्मृति को अगले विधानसभा चुनाव तक बतौर प्रभारी बनाए रखा जाएगा।
- प्रभारी बनाए जाने के बाद से ही स्मृति हर महीने राज्य का दौरा करेंगी। इस दौरान महिलाओं को अपने पक्ष में करने की रणनीति तैयार करेंगी।
- गौरतलब है कि साल 2014 में अमेठी में राहुल से हारने के बाद स्मृति ने वहां लगातार पांच साल तक अभियान चला कर जीत हासिल की थी।
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