Spiritual Dove's real story from Ujjain
Above is the video of the spiritual Dove during the last days of its life. Read below to know the entire story related to this rare behaving Dove.
*कबूतर ने संधारा पूर्वक धर्म*
*आराधना के साथ प्राण त्यागे*
उन्हैल (उज्जैन) ।
निलेशजी ज्ञानचंदजी चंद्रावला के घर दिनांक 16/04/2021 को एक कबुतर घर आया ओर उनके घर पर ही रहने लगा,
कबुतर का स्वास्थ्य कमजोर लग रहा था।
परिवारजनों ने पानी पिलाने का प्रयास किया, किंतु पानी नहीं पिया, परिवार के किसी सदस्य ने कहा उबला पानी पिलाओं, तब कबुतर को कहा कि ये उबला गर्म पानी है, तो वह पिने लगा । संयोग से श्री ज्ञानचंदजी जैन की रतलाम निवासी बेटी अस्मिता जैन आई हुयी थी वो अपने भाभीजी अनिता जैन के साथ प्रतिक्रमण या सामायिक करती थी तो पूर्ण समय पास आकर बैठ जाता, जैसे ही धार्मिक क्रिया पूर्ण होती गैलरी में जाकर बैठ जाता ।
इसी बीच एक दिन गौतम रास का वांचन हो रहा तब भी वो श्रवण करने घर के अंदर आकर पास बैठ गया ।
कयी बार धर्म आराधना करने पर अस्मिता जी जैन की गौद में आकर बैठ जाता तथा आराधना पूर्ण होने पर फिर से गैलरी में जाकर बैठ जाता ।
कल दिनांक 21 अप्रैल 2021 को कबुतर का स्वास्थ्य खराब ओर अधिक खराब हुआ तो पशु चिकित्सक को बुलाकर उपचार कराया गया, स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर परिवार के सदस्यों ने प्रभु आदिनाथ की फोटो कबूतर के समक्ष रखकर संधारा पछ्खाण खरवाये, जिसे कबुतर द्वारा श्रद्धा पूर्वक श्रवण कियि । कुछ समय उपरांत पुण्य आत्मा ने प्राण त्याग दिये ।
परिवार जन द्वारा संधारा पूर्वक प्राण त्यागने वाले कबूतर का विधी-विधान से अंतिम संस्कार किया गया ।
ज्ञात रहे की उक्त चंद्रावला परिवार जैन समाज का धर्म आराधना में श्रेष्ठ परिवार की श्रेणी में आता हैं।
(संबंधित वीडियो, फोटोज जरूर देखे)
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Sudesh DJV writes on contemporary subjects in the form of Articles and poems which is in the interest of the Nation in particular and for Mankind in general.
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